उत्तर प्रदेश सरकार 2.3 लाख इमारतों में वर्षा जल संचयन लागू करने की योजना बना रही है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पानी बचाने के लिए एक अहम कदम उठा रही है. सरकार आवास विकास प्राधिकरणों के ज़रिए संपत्ति मालिकों से अपने यहाँ वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) प्रणाली लगाने का आग्रह कर रही है.
पानी बचाने से भूजल स्तर (groundwater level) को गिरने से रोकने में मदद मिलेगी. लगातार निगरानी से, उत्तर प्रदेश में पहले ही 34,000 सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाई जा चुकी है. आने वाले महीनों में, योगी सरकार का लक्ष्य 2.35 लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी भवनों में भी यही प्रणाली लागू करना है.
यह संचयन प्रणाली भूजल को रिचार्ज करने में मदद करेगी. आवास विभाग द्वारा की गई समीक्षा में पाया गया है कि 16 ज़िलों - अयोध्या, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया, झांसी और पीलीभीत - ने अपने लिए निर्धारित लक्ष्य का 100% हासिल कर लिया है और सभी सरकारी भवनों को कवर कर लिया है.
राज्य सरकार का जल संसाधन विभाग भी संचयन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए 'कैच द रेन 2025' अभियान चला रहा है.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "योजना के तहत, ज़िला प्रशासन और आवास प्राधिकरणों के साथ-साथ शहरी स्थानीय निकायों को सरकारी भवनों में जल्द से जल्द संचयन प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है. हम चरणबद्ध तरीके से शेष 2.35 लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी प्रतिष्ठानों और ढाँचों को कवर करने जा रहे हैं."
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