दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का मालिक कौन?

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जो उन लोगों के लिए खास है जो अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं। अक्सर लोग टैक्स बचाने या अन्य कारणों से ऐसा करते हैं, लेकिन इससे मालिकाना हक को लेकर भ्रम पैदा हो सकता है।

क्या था मामला?

एक व्यक्ति ने अपनी कमाई से अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली और गुड़गांव में दो संपत्तियां खरीदी थीं। जब निचली अदालत ने उसे इन संपत्तियों पर अधिकार जताने से मना कर दिया, तो उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाई कोर्ट का क्या है फैसला?

हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा कि अगर पति अपनी वैध आय से पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदता है, तो उसे बेनामी संपत्ति नहीं माना जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसी संपत्ति का वास्तविक मालिक वह व्यक्ति होगा जिसने अपनी आय से इसे खरीदा है, न कि जिसके नाम पर यह पंजीकृत है।

इस फैसले के मुख्य बिंदु:
 * वैध आय: संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया पैसा वैध स्रोतों से आना चाहिए। अगर यह साबित हो जाता है कि पैसा अवैध स्रोतों से आया है, तो स्थिति अलग हो सकती है।
 * बेनामी कानून में बदलाव: कोर्ट ने बेनामी प्रतिबंध अधिनियम 1988 के संशोधित प्रावधानों पर जोर दिया। नए प्रावधानों के तहत, पति द्वारा अपनी वैध आय से पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदना कानूनी रूप से स्वीकार्य है।
 * पारिवारिक संरचना: यह फैसला भारतीय पारिवारिक संरचना को ध्यान में रखकर दिया गया है, जहां अक्सर पारिवारिक संपत्ति अलग-अलग सदस्यों के नाम पर होती है।
 * दस्तावेज़ीकरण ज़रूरी: भविष्य के विवादों से बचने के लिए सभी वित्तीय लेन-देन पारदर्शी होने चाहिए और उनका उचित दस्तावेज़ीकरण होना चाहिए।
 * दुरुपयोग से बचें: कोर्ट ने चेतावनी दी है कि इस छूट का दुरुपयोग अवैध धन को वैध बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा कानून सख्ती से निपटेगा।

संपत्ति खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
 * आय के स्रोत: सुनिश्चित करें कि संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया पैसा पूरी तरह से वैध स्रोतों से आया हो और आपके पास इसके उचित दस्तावेज़ (जैसे सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, आयकर रिटर्न) हों।
 * स्पष्ट समझौता: यदि संभव हो, तो एक स्पष्ट समझौता तैयार करें जिसमें यह उल्लेख हो कि पैसा किसने प्रदान किया है और वास्तविक स्वामित्व किसका है।
 * पारिवारिक चर्चा: भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए परिवार के सदस्यों के साथ स्पष्ट बातचीत करें।
 * कानूनी सलाह: किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति खरीदने से पहले हमेशा एक योग्य कानूनी सलाहकार से परामर्श लें।

यह फैसला हजारों परिवारों के लिए राहत की बात है और यह भविष्य में पति-पत्नी के बीच संपत्ति विवादों को कम करने में मदद कर सकता है।

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