महाराष्ट्र सरकार का स्लम एक्ट में संशोधन बिल: बिल्डरों से ट्रांजिट रेंट वसूली का रास्ता साफ़
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य विधानसभा में एक महत्वपूर्ण बिल पेश किया है, जिसका उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी redevelopment (पुनर्विकास) से संबंधित कानून में संशोधन करना है. इस नए विधेयक से झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वसन प्राधिकरण (SRA) को बिल्डरों या डेवलपर्स से बकाया ट्रांजिट रेंट (किराया) वसूलने का अधिकार मिल जाएगा. यह बिल महाराष्ट्र स्लम एरिया (इम्प्रूवमेंट, क्लीयरेंस एंड रीडेवलपमेंट) एक्ट, 1971 में संशोधन करना चाहता है. इसका एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को भुगतान न किए गए किराए को भू-राजस्व के बकाया (arrears of land revenue) के रूप में माना जाए. इससे SRA को महाराष्ट्र भू-राजस्व संहिता (MLRC) के तहत वसूली की कार्यवाही शुरू करने का अधिकार मिल जाएगा. एक अधिकारी ने बताया, "SRA को उम्मीद है कि ये संशोधन उसके प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने में मदद करेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि झुग्गी-झोपड़ी निवासी अपने rightful किराए से वंचित न रहें." नए संशोधन के मुख्य बिंदु: * बकाया किराए की वसूली: प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, यदि कोई डिफॉल्टर बिल्डर बकाया चुकान...